शुरुआत
भारतीय आयुध निर्माणियों का इतिहास और विकास सीधे तौर पर भारत में ब्रिटिश शासनकाल से जुड़ा हुआ है । इंग्लैंड की ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपने आर्थिक हित और अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के लिए सैन्य हार्डवेयर को महत्वपूर्ण माना।1775 के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों ने फोर्ट विलियम, कोलकाता में आयुध बोर्ड की स्थापना को स्वीकार कर लिया। यह भारत में सेना आयुध की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है ।
1787 में, ईशापुर में एक गन पाउडर फैक्ट्री स्थापित की गई, जिसने 1791 से उत्पादन शुरू किया (वह स्थान जहाँ राइफल फैक्ट्री 1904 में स्थापित की गई थी) । 1801 में काशीपुर,कोलकाता में एक गन कैरिज एजेंसी (वर्तमान में गन एंड शेल फैक्ट्री, काशीपुर के नाम से जाना जाता है) स्थापित की गई और 18 मार्च,1802से उत्पादन शुरू हुआ। यह आयुध निर्माणियों का पहला औद्योगिक प्रतिष्ठान है जो आज तक अस्तित्व में है।
भारतीय आयुध निर्माणियों का विकास
आयुध निर्माणियों की वर्तमान स्थापना तक की वृद्धि निरंतर रही है ।1947 में भारत के स्वतंत्र होने से पहले 18 आयुध निर्माणियां थीं । स्वतंत्रता के बाद 23निर्माणियां स्थापित की गईं , जिनमें से ज्यादातर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा लड़े गए तीन प्रमुख युद्धों के कारण रक्षा तैयारियों की अनिवार्यता के मद्देनजर स्थापित की गई हैं ।
मुख्य घटनाएँ
आयुध निर्माणी के विकास की मुख्य घटनाओं को निम्नानुसारदर्शाया जा सकता है:
- 1801 - काशीपुर, कोलकाता में गन कैरिज एजेंसी की स्थापना ।
- 1802 - 18 मार्च 1802 से काशीपुर में उत्पादन शुरू हुआ ।
- 1906 - भारतीय आयुध निर्माणियों का प्रशासन 'आयुध निर्माणियों के आईजी' के रूप में एक अलग प्रभार के अधीन आया।
- 1933 - 'आयुध निर्माणियों के निदेशक' के रूप में प्रभारित।
- 1948 - रक्षा मंत्रालय के सीधे नियंत्रण में रखा गया।
- 1962 - रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग की स्थापना की गई।
- 1979 - 2 अप्रैल से आयुध निर्माणी बोर्ड अस्तित्व में आया।
- 2021 - 1 अक्टूबर से भारतीय आयुध निर्माणियों का निगमीकरण और ओएफबी का विघटन ।
7 डीपीएसयू और आयुध निदेशालय (समन्वय और सेवाएँ) का निर्माण
16 जून, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसरण में, डीडीपी/एमओडी ने ओ.एम. सं.1(5)/2021/OF/DP( प्ला. –V)/01 दिनांक 24 सितंबर, 2021 के माध्यम से पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड ("OFB") जो रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय (डीडीपी) के तहत कार्य कर रहा था, की 41 उत्पादन इकाइयों (आयुध निर्माणियों ) के कार्यों को निगमित करने के भारत सरकार के निर्णय से अवगत कराया।
तदनुसार, 1 अक्टूबर, 2021 (नियत तिथि") से, 41 आयुध निर्माणियों का प्रबंधन, नियंत्रण, संचालन और रखरखाव 7 सरकारी कंपनियों (भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली) को हस्तांतरित कर दिया गया, जिनके नाम हैं-
- म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल)
- आर्मर्ड वेहकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल)
- एडवांस्ड विपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्लूईआईएल)
- ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल)
- यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल)
- इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल)
- ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल)
ओएफबी, जिसे रक्षा मंत्रालय के पत्र संख्या 1(82)/78/डी(फै.1) दिनांक 09.01.1979,के तहत गठित किया गया था, का 1 अक्टूबर, 2021 से एक निकाय के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया।
इसके अलावा, भारत सरकार के निर्णय के अनुसार,रक्षा उत्पादन विभाग ("डीडीपी") के तहत आयुध निदेशालय (समन्वय और सेवाएं ) ("निदेशालय") का गठन 1 अक्टूबर, 2021 सेपूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड ("ओएफबी") मुख्यालय के प्रतिस्थापन के रूप में डीडीपी/एमओडी ओ.एम.सं. 1(5)2021/OF/DP(प्लानिंग –V) /04 दिनांक 24 सितंबर, 2021के माध्यम से किया गया था।